About the Book
अँगरेजी की नवीनतम उच्च स्तरीय पुस्तकों को आधार मानकर विभिन्न प्रकार वेफ समाजशास्त्राय विचारों को एकत्रित कर पाश्चात्य सामाजिक चिन्तकों के ऊपर आलोचनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। समाजविज्ञान की अवधारणाओं का प्रामाणिक अनुवाद और उनके विश्लेषण के साथ-साथ पाश्चात्य विद्वानों के नामों का सही उच्चारण इस पुस्तक की विशेषता है। प्रस्तुत पुस्तक में इस बात पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है कि कठिन-से-कठिन समाजवैज्ञानिक तथ्यों एवं सिद्धांतों को सहज एवं सरल ढंग से रखा जाए ताकि सभी स्तर
के पाठक इसे अच्छी तरह समझ स
के।
अँगरेजी माध्यम से अध्ययन करनेवाले पाठकों की तुलना में हिन्दी माध्यम से पठन-पाठन करनेवाले पाठक ज्ञान की दृष्टि से पीछे न रहें, इस बात का ध्यान इस पुस्तक में रखा गया है।
Contents
–समाजशास्त्रीय चिन्तनधारा का विकास
–ऑगस्त कौंत
–कार्ल एच. मार्क्स
–हर्बर्ट स्पेन्सर्
–विलफ्रेडो पारेटो
–फर्डिनांड टॅनीज
–थॉर्सटीन वेबलन
–एमिल डर्कहाइम
–जॉर्ज जिमेल
–जॉर्ज हर्बर्ट मीड
–मैक्स वेबर्
–चार्ल्स हॉर्टन कूली
–पित्रिम ए. सोरोकिन
–हर्बर्ट ब्लूमर्
–टलकॉट पारसन्स
–रॉबर्ट के. मर्टन
–लुविस ए. कॉसर्
–चार्ल्स राइट मिल्स
–रेफ डारेनडॉपफ
–लुविस हेनरी मॉर्गन
–ए.आर. रैडक्लिपफ-ब्राउन
–बी. मालिनॉवस्की
About the Author / Editor
जे. पी. सिंह, एम.ए. (पटना विवि.); एम.फिल. (जे.एन.यू.); पी-एच.डी. (ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, वैफनबेरा), प्रोफेसर (सेवानिवृत्तद्), स्नातकोत्तर समाजशास्त्र विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना। निदेशक (उच्च शिक्षा), बिहार सरकार तथा प्रोवाइसचांसलर, पटना विश्वविद्यालय के रूप में योगदान का अनुभव। पाठ्यपुस्तक लेखन के क्षेत्रा में देश के अग्रणी लेखक के रूप में पहचान रखते हैं। मानवशास्त्र शब्दकोश, आधुनिक भारत का समाज, समाजशास्त्र : एक परिचय, सामाजिक अनुसन्धान की विधियाँ, पाश्चात्य सामाजिक चिन्तनधारा, A Comprehensive Dictionary of Sociology तथा Contemporary Sociological Theories इनकी प्रमुख कृतियों में से हैं।