समाजशास्त्र परिचय (Introducing Sociology)

बी.के. नागला एवं शिव बहाल सिंह - B.K. Nagla & Shiv Bahal Singh

समाजशास्त्र परिचय (Introducing Sociology)

बी.के. नागला एवं शिव बहाल सिंह - B.K. Nagla & Shiv Bahal Singh

-15%191
MRP: ₹225
  • ISBN 9788131612934
  • Publication Year 2023
  • Pages 216
  • Binding Paperback
  • Sale Territory World

About the Book

समाजशास्त्र सामाजिक विज्ञान विषयों में से एक है। समाजशास्त्र को हमारे जीवन के हर पहलू पर लागू किया जा सकता है। यह समूहों, संस्थानों और समाजों का अध्ययन है। समाजशास्त्र मानव व्यवहार का एक अलग और अत्यधिक ज्ञानवर्धक परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है। समाजशास्त्र सामाजिक सम्बन्धों का नियामक रूप में और प्रयोगात्मक स्तरों पर अध्ययन करता है। निरंतरता और परिवर्तन का विश्लेषण और व्याख्या भी समाजशास्त्र द्वारा की जाती है। यही समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य का सार है।
एक परिचयात्मक समाजशास्त्र पाठ्यक्रम से छात्र कितना प्राप्त करता है, यह निश्चित रूप से उसकी जिज्ञासा, सतर्कता और प्रयास पर निर्भर करता है। समाजशास्त्रीय ज्ञान का भण्डार जिसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उत्पन्न किया है, और जिसमें पहले से कहीं अधिक तेजी से परिवर्धन किया जा रहा है, उसमें जानकारी के साथ-साथ समझ भी शामिल है जो कि छात्रों के लिए नई है। यह व्यवस्थित परिचयात्मक समाजशास्त्रा पाठ्यपुस्तक स्कूल से कॉलेज और विश्वविद्यालय तक सभी स्तरों पर समाजशास्त्रा के छात्रों के लिए उपयोगी होगी। कानून, चिकित्सा, नर्सिंग, इंजीनियरिंग, वास्तुकला, पत्रकारिता, प्रबंधन, शिक्षा, सामाजिक कार्य, धर्म, व्यावसायिक पुनर्वास आदि विभिन्न पाठ्यक्रमों में समाजशास्त्र पढ़ने वाले छात्रों के लिए यह पुस्तक अत्यंत उपयोगी होगी।


Contents

1    समाजशास्त्र की उत्पत्ति, प्रकृति और विषय क्षेत्र
2    समाजशास्त्र का अन्य सामाजिक विज्ञानों के साथ सम्बन्ध
3    समाज
4    सामाजिक समूह
5    सामाजिक नियंत्रण
6    संस्कृति
7    विवाह, परिवार एवं नातेदारी
8    आर्थिक संस्थाएं
9    राजनीतिक संस्थाएं
10  धर्म और संस्कृति
11  शिक्षा
12  संस्कृति, समाज और व्यक्तित्व
13  व्यक्ति और समाजीकरण
14  संस्कृति और व्यक्तित्व रचना
15  अनुसंधन की पद्धतियां
16  आंकड़े एकत्रीकरण की तकनीक


About the Author / Editor

बी.के. नागला, प्रख्यात समाजशास्त्रीय विश्लेषक, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक में प्रोफेसर रहे हैं। आपने एम.एस. विश्वविद्यालय, बड़ौदा तथा नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फॉरेन्सिक साइंस, नई दिल्ली में अध्यापन भी किया है। सेवानिवृत्ति के पश्चात् आप कोटा खुला विश्वविद्यालय, कोटा तथा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में बाबू जगजीवनराम पीठ में प्रोफेसर पद पर कार्यरत रहे हैं। आपने देश और विदेश के अनेक विश्वविद्यालयों में आपने व्याख्यान दिए हैं। देश-विदेश की कई पत्रिकाओं में आपके लेख प्रकाशित हुए हैं। समाजशास्त्र एवं अपराधशास्त्र में आपके योगदान के लिये भारतीय समाजशास्त्रीय परिषद् ने आपको सम्मानित किया तथा राजस्थान समाजशास्त्र परिषद् ने जीवन उपलब्धि सम्मान से नवाजा है।

शिव बहाल सिंह ने टी.डी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जौनपुर, उ.प्र. से समाजशास्त्र के प्रवक्ता के रूप में अपना शैक्षणिक जीवन शुरू किया। उन्होंने 1977 में भारतीय सामाजिक अनुसंधन परिषद, नई दिल्ली की टीचर फेलोशिप प्राप्त की और पीएच.डी. की उपाधि पाने के बाद 1980 में गोरखपुर विश्वविद्यालय में पुनः अध्यापन कार्य प्रारम्भ किया और वहीं से समाजशास्त्र विभाग के आचार्य एवं अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त हुए।


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