About the Book
समकालीन भारतीय समाज में बदलते हुए समय के साथ अनेक परिवर्तन सहज रूप में परिलक्षित हो रहे हैं। ये परिवर्तन एक बदलते समाज की मनोवृत्तियों की ओर संकेत कर रहे हैं। इन परिवर्तनों को ऐतिहासिक संदर्भों के साथ देखे जाने की आवश्यकता है। इन निरंतर होने वाले सामाजिक परिवर्तनों में भारतीय समाज के अनेक स्वरूप उभर कर सामने आए हैं। ये विभिन्न संस्थाओं, व्यवहार प्रणालियों तथा संरचनात्मक परिवर्तनों में अत्यंत सरलता एवं सहजता से देखे जा सकते हैं। प्रस्तुत पुस्तक भारतीय समाज के इन्हीं संदर्भों का एक विस्तृत अध्ययन एवं विश्लेषण है। समकालीन भारतीय समाज के विविध विषयों को प्रस्तुत पुस्तक में संकलित करने का प्रयास किया गया है। ये आज के समाजशास्त्रीय प्रसंगों के लिए महत्वपूर्ण और संग्रहणीय है, उदाहरणार्थ ग्रामीण संरचना, पंचायती राज, सांस्कृतिक परिवेश, पारिवारिक और वैवाहिक रूपांतरण, परिवर्तनीय आधार और इसी प्रकार की संरचनाओं के दृष्टिकोण, आदि। पुस्तक वर्तमान भारतीय समाज का न केवल एक दिग्दर्शन है वरन् वर्तमान परिस्थितियों की व्यापक मीमांसा भी है।
Contents
अनुक्रमणिका
1 राजस्थान में समाज और संस्कृति: कुछ विचारणीय प्रश्न
एस. एल. दोषी
2 राजस्थान की संस्कृति एवं सामाजिक व्यवस्था: निरन्तरता एवं परिवर्तन
सी. एल. शर्मा
3 परिवार संस्था: उभरते तनाव तथा संकट
मृदुला त्रिवेदी
4 उभरता ग्रामीण मध्यम वर्ग: सामाजिक परिवर्तन का नया स्रोत
संजय जोशी
5 युवा संस्कृति: विवाह एवं परिवार के प्रति बदलते मूल्य
चन्द्र कंवर पालावत
6 पंचायतीराज एवं महिला नेतृत्व
रामफूल जाट
7 मेवाड़ में आप्रवासी आन्ध्र तैलंग परिवार और नृजातीय समन्वय
रचना तैलंग
8 प्रदत्त संस्तरण: समकालीन भारत में जाति तथा उसका पुनर्स्थापन
सुरिंदर एस. जोधका
9 घरेलू हिंसा की रोकथाम में समाज कार्य की भूमिका
लालाराम जाट
10 कृषक सुधार
सूजी जैकब
11 भूमि हस्तांतरण एवं जाति-वर्ग संबंध
मांगीलाल जणवा
12 राजस्थान में ग्रामीण विकास: एक समीक्षात्मक मूल्यांकन
महेश नावरिया
13 लिव इन रिलेशनशिप: वैवाहिक संस्था का परिवर्तित आधुनिक स्वरूप
मंजु नावरिया
14 राजस्थान के ग्रामीण नेतृत्व प्रतिमानों के अध्ययन की पद्धतिशास्त्रीय समीक्षा: प्रो. ओ.पी. शर्मा के योगदान के विशेष सन्दर्भ में
परेश द्विवेदी
15 लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण तथा उभरते अभिजन प्रतिमान
मनोज राजगुरु
16 राजस्थान की चुनावी प्रक्रियाओं में सामाजिक स्रोत
ललित कुमावत
17 ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में सामाजिक व्यवस्था एवं परिवर्तन
गोपाल लाल चौधरी
18 भारतीय समाज में जाति एवं राजनीति: एक अध्ययन
मुकेश कुमार वर्मा
About the Author / Editor
परेश द्विवेदी: समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर स्वर्णपदक के साथ, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर से विद्यावाचस्पति उपाधि प्राप्त, 28 वर्ष का स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में अध्यापन अनुभव। विभिन्न स्वयंसेवी एवं मानवशास्त्रीय संगठनों से संबद्ध तथा विविध विषयों पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयंसेवी संगठनों के साथ आनुभविक अध्ययन कार्यों में सहभागिता। 50 राष्ट्रीय व 15 अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में नियमित पत्रवाचन व व्यावसायिक एवं प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में 35 शोध आलेखों का प्रकाशन। राजस्थान जर्नल ऑफ सोश्योलाजी में संपादक। संप्रति विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र विभाग, भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर।
सुशील कुमार त्यागी: मेरठ विश्वविद्यालय से 1987 में ऑनर्स में कला स्नातक, 1989 में समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर, 1990 में इन्स्टीट्यूट ऑफ एडवान्स्ड स्टडीज, मेरठ से एम. ए. तथा वर्ष 2005 में
सी.सी.एस. विश्वविद्यालय, मेरठ से विद्यावाचस्पति की उपाधि प्राप्त की। शिक्षा में स्नातक एवं स्नातकोत्तर हैं। अनेक समाजशास्त्रीय परिषद् के सदस्य व कार्यकारिणी में सदस्य एवं एन.एस.एस. में सक्रिय भागीदारी। अनेक आलेख एवं पुस्तकों का प्रकाशन। राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पत्रवाचन।
ललित कुमावत: लगभग 20 वर्षों का अध्यापन अनुभव। पंचायती राज और महिला सबलीकरण विषय पर विशेषज्ञता एवं अनेक लेखों का लेखन। कई शोध परियोजनाओं में विभिन्न भूमिकाओं का निर्वहन व राजस्थान के चुनावी सर्वेक्षणों से भी जुड़ाव। दिल्ली स्थित सेन्टर फॉर द स्टडीज ऑफ डवलपमेंट सोसायटी द्वारा राजस्थान में किए गए विभिन्न सर्वेक्षण में रिसर्च सुपरवाइजर का दायित्व निर्वहन। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में 15 से अधिक लेख और शोधपत्र का प्रकाशन तथा 30 से अधिक राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार में भागीदारी। वर्तमान में राजस्थान समाजशास्त्र परिषद् की कार्यकारिणी में मनोनीत सदस्य व महावीर अंबेश गुरु महाविद्यालय, फतहनगर में प्राचार्य पद का निर्वहन।