About the Book
यह पुस्तक भारतीय समाजशास्त्र के विशेषज्ञों के साथ आमने-सामने की चर्चा का पहला बोधगम्य प्रयास है ताकि समाजशास्त्र में उनके योगदान को समझा जा सके। ये भारत में हमारे समय के सबसे प्रभावशाली समाजशास्त्री हैं, जैसे - रामकृष्ण मुऽर्जी, आई-पी- देसाई, ए-एम- शाह, एन-आर- शेठ, योगेंद्र सिंह, आंद्रे बेतेइ, डी-एन- धनागरे, बिंदेश्वर पाठक, सुमा चिटनिस, रत्ना नायडू, के-एल- शर्मा, टी-के- ओमन इत्यादि। इन्होंने गाँव-शहर के विभिन्न क्षेत्रें के समाजशास्त्रीय अध्ययन किये जिसमें मुख्यतया रिश्तेदारी, जाति, वर्ग, धर्म, नस्ल, संस्कृति, साहित्य, राजनीति आदि के संदर्भ में विभिन्न प्रविधि-विषयक परिप्रेक्ष्यों का प्रयोग करते हुए सैद्धांतिक व्याख्या की। इनकी पुस्तकें समाजशास्त्र विषय में विस्तृत रूप से पढ़ी जाती हैं, और उनमें से कई भारत के सबसे प्रमुऽ सार्वजनिक बुद्धिजीवी हैं।
देश भर से लिए गये भारतीय समाजशास्त्रियों के व्यवस्थित साक्षात्कार के कारण यह पुस्तक विशिष्ट है। यह समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य में बड़े राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विभिन्न विद्वानों की व्याख्या प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक अपने आकर्षक विश्लेषणात्मक रूप से व्यक्त नवोन्मुऽी विचारों के कारण सामाजिक मुद्दों पर शोध के लिए भविष्य के मार्ग के सुझावों को दर्शाती है। यह पुस्तक समाजशास्त्र व दर्शनशास्त्र के विद्वानों, छात्रें और शोधकर्ताओं के साथ-साथ सामान्य पाठकों के लिए भी उपयोगी एवं रुचिकर सिद्ध होगी।
Contents
1 भारतीय समाज का मार्क्सवादी विश्लेषण- रामकृष्ण मुखर्जी: अंजन घोष के साथ साक्षात्कार
2 समाजशास्त्र: वर्तमान के संकट और भविष्य की संभावनाएँ- योगेन्द्र सिंह: बी-के- नागला एवं आशीष कुमार के साथ साक्षात्कार
3 एक तर्कसंगत विषय के रूप में समाजशास्त्र: विषय की प्रकृति एवं व्यापकता- आन्द्रे बेतेइ: अंकिता मुखर्जी के साथ साक्षात्कार
4 धर्म का समाजशास्त्र और समाजशास्त्री का धर्म- त्रिलोकी नाथ मदन: अशोक पंकज के साथ साक्षात्कार
5 क्षेत्र-कार्य, अनुभववाद एवं अन्य मुद्दे- अरविन्द मणीलाल शाह: कमला गणेश के साथ साक्षात्कार
6 स्वच्छता का समाजशास्त्र- बिंदेश्वर पाठक: बी-के- नागला एवं आशीष कुमार के साथ साक्षात्कार
7 भारत में प्रासंगिक समाजशास्त्र- डी-एन- धनागरे: श्रुती तांबे के साथ साक्षात्कार
8 कार्य एवं योगदान- आई-पी- देसाई: विद्युत जोषी के साथ साक्षात्कार
9 भारतीय कारखानों का सामाजिक ढाँचा- नारायण रणछोड़लाल शेठ: एन- राजाराम के साथ साक्षात्कार
10 नदी के किनारे- सुमा चिटनिस: गीता चडाक्क के साथ साक्षात्कार
11 आधुनिकीकरण में मूल्य एवं आदर्श- रत्ना नायडू: अपर्णा रायप्रोल के साथ साक्षात्कार
12 विकास और आधुनिकीकरण- एस-एल- शर्मा: मधु नागला के साथ साक्षात्कार
13 कुलीन बहुलवाद और वर्ग शासन- जयंत लेले: बी-के- नागला के साथ साक्षात्कार
14 पराविज्ञान का अध्ययन- पी-के-बी- नायर: शोभा बी- नायर के साथ साक्षात्कार
15 प्रवासन के सामाजिक पहलू- डी- सुंदरम: जे- कृष्णमूर्ति के साथ साक्षात्कार
16 जाति-वर्ग-सत्ता गठजोड़- के-एल- शर्मा: रश्मि जैन के साथ साक्षात्कार
17 एक भारतीय समाजशास्त्री का विकास: एक शोधार्थी से शिक्षाविद् तक- टी-के- ओमन: विवेक कुमार के साथ साक्षात्कार
About the Author / Editor
बी-के- नागला, प्रख्यात समाजशास्त्रीय विश्लेषक, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक में प्रोफेसर रहे हैं। आपने एम-एस- विश्वविद्यालय, बड़ौदा तथा नेशनल इन्स्टीटड्ढूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फॉरेन्सिक साइंस, नई दिल्ली में अध्यापन भी किया है। सेवानिवृत्ति के पश्चात् आप कोटा ऽुला विश्वविद्यालय, कोटा तथा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में बाबू जगजीवनराम पीठ में प्रोफेसर पद पर कार्यरत रहे हैं। आपने देश और विदेश के अनेक विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दिए हैं। देश-विदेश की कई पत्रिकाओं में आपके लेऽ प्रकाशित हुए हैं। समाजशास्त्र एवं अपराधशास्त्र में आपके योगदान के लिये भारतीय समाजशास्त्रीय परिषद् ने आपको सम्मानित किया तथा राजस्थान समाजशास्त्र परिषद् ने जीवन उपलब्धि सम्मान से नवाजा है।