उच्चतर समाजशास्त्र विश्वकोश (UCHCHTAR SAMAJSHASTRA VISVAKOSH – Advanced Encyclopaedia of Sociology) – Hindi

Harikrishna Rawat

उच्चतर समाजशास्त्र विश्वकोश (UCHCHTAR SAMAJSHASTRA VISVAKOSH – Advanced Encyclopaedia of Sociology) – Hindi

Harikrishna Rawat

-15%404
MRP: ₹475
  • ISBN 9788170339649
  • Publication Year 2006
  • Pages 570
  • Binding Paperback
  • Sale Territory World

About the Book

प्रस्तुत उच्चतर समाजशास्त्र विश्वकोश उन सभी हिन्दी के पाठकों की ज्ञान-जिज्ञासाओं की तुष्टि करने का प्रयत्न करेगा जो समाजशास्त्र विषय का कम समय में अधिकाधिक ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं। 
इस पुस्तक में मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, लोक प्रशासन, प्रबंधन विज्ञान, इतिहास, जीव विज्ञान आदि की कुछ ऐसी अवधारणाओं एवं संबोधों को भी सम्मिलित किया गया है जिनका समाजशास्त्र से परोक्ष या प्रत्यक्ष सहसम्बंध है। इसके अतिरिक्त, इसमें समाजशास्त्र की लगभग सभी निम्निलिखित प्रमुख शाखाओं से सम्बंधित समस्त अवधारणाओं का आवश्यकतानुसार संक्षेप अथवा सविस्तार वर्णन-विवेचन यथास्थान किया गया है :
 मानवशास्त्र
 जनसंख्या एवं जनांकिकी
 भाषाविज्ञान
 अपराधशास्त्र
 ग्रामीण, नगरीय एवं औद्योगिक समाजशास्त्र
 ऐतिहासिक, राजनीतिक, शैक्षिक, एवं पॉप समाजशास्त्र
 धर्म का समाजशास्त्र
 ज्ञान का समाजशास्त्र
 कानून का समाजशास्त्र
 विज्ञान का समाजशास्त्र
 कार्य एवं व्यवसाय का समाजशास्त्र
 स्थापत्य, कला एवं साहित्य का समाजशास्त्र
 देह, लिंग, भोजन एवं उपभोग का समाजशास्त्र
 विचलन, विकास एवं कल्याण का समाजशास्त्र
 परिवार एवं गृहकार्य का समाजशास्त्र
 रोजमर्रा जीवन का समाजशास्त्र
 स्वास्थ्य, रुग्नता एवं चिकित्सा का समाजशास्त्र
 अवकाश, खेलकूद एवं पर्यटन का समाजशास्त्र
 मद्यपान एवं जूआबाजी का समाजशास्त्र
 समय का समाजशास्त्र
 वृद्धावस्था का समाजशास्त्र
 जनसंचार का समाजशास्त्र
 सैन्यवाद का समाजशास्त्र
 कामात्मकता (सेक्सुअलिटी) का समाजशास्त्र
 समाजशास्त्र का समाजशास्त्र 


Contents



About the Author / Editor

चार दशक से भी अधिक समय से समाजशास्त्र के अध्ययन-अध्यापन से जुड़े हरिकृष्ण रावत ने अपने शैक्षिक जीवन का समारम्भ महाराजा कालेज, जयपुर से तब किया जब राजस्थान के गिने-चुने महाविद्यालयों में हीं समाजशास्त्र विषय पढ़ाया जाता था। कुछ वर्षों पश्चात् इनका स्थानान्तरण राजस्थान के समाजशास्त्र विषय के प्रणेता महाविद्यालय, सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय, ब्यावर में हो गया, जहाँ उन्होंने एक लम्बे अर्से तक स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में अध्यापन एवं शिक्षण द्वारा इस विषय का गहन अनुभव बटोरा। बाद में उपाचार्य और प्राचार्य पदों पर एक दीर्घ समय तक कार्य करते हुए 1992 में सेवानिवृत हुए।
प्रो. रावत के कई समाजशास्त्र-विषयक लेख शैक्षणिक पत्रिकाओं एवं समाचार-पत्रों आदि में समय-समय पर प्रकाशित होते रहे हैं। आपकी विभिन्न पुस्तकें, विशेषकर, समाजशास्त्र विश्वकोश, मानवशास्त्र कोश, सामाजिक चिन्तक एवं सिद्धान्तकार तथा मानवशास्त्रीय विचारक, की सर्वत्र सराहना हुई है तथा इन्हें मूल-पाठ (text) तथा सन्दर्भ ग्रन्थों के रूप में मान्यता प्रदान की गई है


Your Cart

Your cart is empty.