सामाजिक स्तरीकरण (SAMAJIK STARIKARAN – Social Stratification) – Hindi

K.L. Sharma

सामाजिक स्तरीकरण (SAMAJIK STARIKARAN – Social Stratification) – Hindi

K.L. Sharma

-15%191
MRP: ₹225
  • ISBN 9788131604021
  • Publication Year 2011
  • Pages 240
  • Binding Paperback
  • Sale Territory World

About the Book

प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने सामाजिक स्तरीकरण और गतिशीलता की अवधारणाओं से जुड़े मुद्दों पर प्रकाश डाला है। साथ ही, वैचारिक स्पष्टता और आनुभाविक पुष्टि द्वारा, समानता, असमानता, अपवर्जन, निर्धनता और वंचन आदि मूल अवधारणाओं पर गहन विवेचन किया है। यद्यपि पुस्तक संहत है, फिर भी सामाजिक स्तरीकरण और गतिशीलता के प्रमुख सिद्धान्तों, उपागमों और चित्राणों का उचित समावेश किया गया है। 
सामाजिक स्तरीकरण के एक समुचित परिदृश्य की प्रस्तुति के लिये, जाति, वर्ग, प्रस्थिति समूह, शक्ति, यौन-भेद, सजातीयता और प्रजाति द्वारा प्रकट, स्तरीकरण की व्यवस्थाओं का विश्लेषण प्रमुखता से दिया गया है। भारतीय समाज में सामाजिक स्तरीकरण संबंधित प्रवृतियों को समझने के लिये दो अध्यायों यथा ”जाति व्यवस्था“ और ”स्तरीकरण के उभरते प्रतिमानों“ की विशेष रुप से रचना की गई है।
आशा है, यह पुस्तक समाजशास्त्र के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के लिये समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी। 


Contents

 सामाजिक स्तरीकरण की परिभाषा
 स्तरीकरण सम्बन्धित आधारभूत अवधारणायें
 सामाजिक स्तरीकरण के सिद्धान्त
 सामाजिक स्तरीकरण के आयाम
 सामाजिक गतिषीलता
 सामाजिक स्तरीकरण की खुली और बन्द व्यवस्थायें
 जाति व्यवस्था: निरन्तरता और परिवर्तन
 भारत में सामाजिक स्तरीकरण के उभरते प्रतिमान 


About the Author / Editor

कन्हैया लाल शर्मा वर्तमान में जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के कुलपति हैं। वे पूर्व में राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के कुलपति, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रति-कुलपति और सेन्टर फाॅर द स्टडी आॅफ सोश्यिल सिस्टम्स में समाजशास्त्र के प्रोफेसर एवं काॅलेज द फ्रांस, पेरिस, में पाँच बार अतिथि प्रोफेसर रह चुके हैं। आपने प्रमुखतः सामाजिक स्तरीकरण व गतिशीलता एवं कृषक व जनजातीय आन्दोलनों पर अत्यन्त विस्तीर्ण रूप से लिखा तथा प्रकाशित किया है। 


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