About the Book
प्रस्तुत पुस्तक समकालीन भारत में आधुनिकीकरण की प्रक्रियाओं तथा समस्याओं का एक सम्पूर्ण समाजशास्त्रीय अध्ययन है। भारतीय ‘सामाजिक संरचना’ तथा ‘परम्पराओं’ के स्वरूपों व प्रकार्यों में जो परिवर्तन आजकल हो रहे हैं यह उन परिवर्तनों की व्यापक श्रृंखला के बारे में भी ध्यान आकर्षित करती है। प्रचुर द्वैतीयक तथ्यों की सहायता से जिन प्रश्नों को परखा गया है, वे निम्न हैं: आधुनिकीकरण की आवश्यकताओं के प्रति हिन्दू धर्म एवं इस्लाम की वृहत् परम्पराएं किस प्रकार प्रत्युत्तर दे रही हैं? अभिजन, व्यावसायिक समूह, कामगार वर्ग आदि जैसे सामाजिक संवर्ग, अथवा राजनैतिक, आर्थिक तथा व्यावसायिक संरचनाएं किस प्रकार आधुनिकीकरण की ओर अनुकूलनात्मक परिवर्तनों से गुजर रही हैं? जाति, परिवार एवं ग्राम व्यवस्थाएं किस प्रकार आधुनिकीकरण की शक्तियों के प्रति व्यवहार कर रही हैं? भारत में आधुनिकीकरण के भावी महत्वपूर्ण मुद्दे क्या हो सकते हैं? इन सभी विषयों के गहन अध्ययन के साथ-साथ यह पुस्तक सामाजिक परिवर्तन के सिद्धांतों तथा अवधारणाओं की आलोचनात्मक समीक्षा भी करती है। सैद्धांतिक विश्लेषण न केवल प्रचलित अवधारणाओं को उनके तार्किक एवं अर्थपूर्ण संदर्भ में देखता है अपितु भारत में सामाजिक परिवर्तन के अध्ययन हेतु एक वैकल्पिक अवधारणात्मक योजना भी प्रस्तुत करता है।
प्रोफेसर योगेन्द्र सिंह की कालजयी कृति Modernization of Indian Tradition का हिन्दी अनुवाद, पाठकों हेतु प्रस्तुत है।
Contents
• भारत में सामाजिक परिवर्तन: एक उपागम
(Social Change in India: An Approach)
• सांस्कृतिक परम्पराओं में अन्तःजनित परिवर्तन एवं आधुनिकीकरण
(Orthogenetic Changes in Cultural Traditions and
Modernization)
• इस्लाम का प्रभाव एवं आधुनिकीकरण
(The Impact of Islam and Modernization)
• पाश्चात्य प्रभाव एवं सांस्कृतिक आधुनिकीकरण
(The Western Impact and Cultural Modernization)
• सामाजिक संरचना में परिवर्तन एवं आधुनिकीकरण (वृहत््-संरचनात्मक परिवर्तन)
(Changes in Social Structure &
Modernization: The Macro-Structural Changes)
• सामाजिक संरचना में परिवर्तन तथा आधुनिकीकरण (लघु-संरचनात्मक परिवर्तन)
(Changes in Social Structures &
Modernization: The Micro-Structural Changes)
• भारतीय परम्परा का आधुनिकीकरण: विश्लेषण
(Modernization of Indian Tradition: Analysis)
About the Author / Editor
योगेन्द्र सिंह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के सेन्टर फाॅर द स्टडी आॅफ सोश्यिल सिस्टम्स में समाजशास्त्र के एमरीटस प्रोफेसर हैं। इन्होंने अनेक विश्वविद्यालयों में वरिष्ठ शैक्षणिक एवं प्रशासनिक पद ग्रहण किए हैं। आप योजना आयोग, भारतीय समाजविज्ञान अनुसंधान परिषद (आई.सी.एस.एस.आर.) के शोध परामर्श समिति के सदस्य रहे हैं तथा समाजशास्त्र पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के राष्ट्रीय पैनल के संयोजक भी रहे हैं। इसके अतिरिक्त आप भारतीय समाजशास्त्रीय परिषद के अध्यक्ष भी रहे हैं। आपने विदेशों में अनेक विश्वविद्यालयों में भाषण दिए हैं तथा दक्षिण एशियाई देशों में क्षेत्रीय कार्य किया है। समाजशास्त्र व सामाजिक मानवशास्त्र के प्रति आपके योगदान के लिए आपको अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिले हैं।
अनुवादक
अरविन्द कुमार अग्रवाल राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर में गत 26 वर्षों से अधिक समय से अध्यापन कार्य कर रहे हैं। आपने राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर, जे.एन.यू., नई दिल्ली व हाइडलबर्ग विश्वविद्यालय, जर्मनी में समाजशास्त्र की शिक्षा पाई। 1994 में यू.जी.सी. कैरियर अवार्ड से सम्मानित डाॅ. अग्रवाल सन् 2005 में हाइडलबर्ग विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर रहे तथा जर्मनी, फ्रांस, कैम्ब्रिज व आॅक्सफाॅर्ड के विश्वविद्यालयों में भाषण दिए। 2003-2005 तक राजस्थान विश्वविद्यालय के मानवशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष रहे। ‘‘मैक्स वेबर एवं आधुनिक सामाजिक सिद्धांत’’ पर पुस्तक के अतिरिक्त आपके अनेक शोध-पत्र विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।