Alok Chauhan

प्रस्तुत पुस्तक में भूगोल में शोध विधितंत्र को 20 अध्यायों में लिखने का प्रयास किया गया है। विभिन्न अध्यायों के माध्यम से भूगोल में शोध, शोध प्रविधि की आवश्यकता, शोध प्रक्रिया, शोध समस्या का निर्माण, साहित्य समीक्षा, चरों का निर्धारण, शोध परिकल्पना, शोध प्रारूप, आँकड़ों का संकलन एवं प्रकार, आँकड़ों का वर्गीकरण, प्रश्नावली, अनुसूची और साक्षात्कार, भूगोल में क्षेत्रीय कार्य, मॉडल/पैराडाइम निर्माण, प्रतिचयन, सांख्यिकी विधियों का अनुप्रयोग, आधुनिक उपकरणों का अनुप्रयोग, भौगोलिक सामग्री का मानचित्रीय प्रस्तुतिकरण, प्रतिवेदन लेखन एवं शोध नैतिकता एवं साहित्यिक चोरी सम्बन्धी सामग्री को एक साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
पुस्तक में नवीनतम तथ्यों एवं सूचनाओं को सम्मिलित किया गया है तथा यथास्थान आरेख एवं मानचित्रों का प्रयोग किया गया है। पुस्तक में तकनीकी भाषा के स्थान पर व्यावहारिक एवं सहज सुबोध भाषा का प्रयोग किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक भूगोल के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों, पीएच.डी. कोर्स वर्क हेतु शोध विद्वानों एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यन्त उपयोगी है।
शोध का अर्थ एवं संकल्पना
शोध समस्या
साहित्य समीक्षा
शोध परिकल्पना
शोध अभिकल्प (प्ररचना)
तथ्य, अवधारणा (संकल्पना) तथा सिद्धांत
प्रतिचयन (निदर्शन)
भौगोलिक सूचनाओं के स्रोत
आँकड़े एवं चर
मापन एवं मापनी तकनीकें
आँकड़े संकलन की तकनीकें
आँकड़ों का वर्गीकरण, सारिणीयन एवं विश्लेषण
भूगोल में क्षेत्रीय कार्य
मॉडल/प्रतिरूप एवं पैराडाइम
भौगोलिक सामग्री का मानचित्रकलात्मक प्रस्तुतिकरण
भौगोलिक शोध में सांख्यिकीय विधियां
भूगोल में आधुनिक तकनीकें: सुदूर संवेदन, भूमण्डलीय स्थितीय तन्त्र एवं भौगोलिक सूचना तन्त्र
शोध प्रतिवेदन लेखन
शोध नैतिकता एवं साहित्यिक चोरी
भूगोल में शोध संक्षिप्त प्रस्ताव एवं शोध पत्र लेखन
डॉ. आलोक चौहान वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा (राजस्थान) में भूगोल के सहायक आचार्य एवं विषय संयोजक हैं। डॉ चौहान पिछले 16 वर्षों से शोध एवं अध्यापन क्षेत्र में कार्यरत हैं। इन्होंने राजस्थान के अतिप्रतिष्ठित महाराजा महाविद्यालय, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से स्नातक, प्रतिष्ठित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ;ठभ्न्द्ध वाराणसी से भूगोल में स्नातकोत्तर एवं पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। डॉ चौहान द्वारा लिखे गए 35 से अधिक शोध पत्र विभिन्न प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। भूगोल विषय से सम्बन्धित कई संपादित पुस्तकों में अध्याय लेखन के साथ ही लेखक ने इग्नू के लिए स्नातकोत्तर कार्यक्रम हेतु कई अध्यायों का लेखन किया है। लेखक का अध्ययन क्षेत्र भूगोल में शोध विधितंत्र, साँख्यिकी विधियां, जनांकिकी विश्लेषण एवं स्थानिक विश्लेषण है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग लेखक को रिसर्च फैलोशिप इन साइंस फॉर मेरीटोरियस स्टूडेंट्स से सम्मानित कर चुका है।
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