About the Book
उत्तर भारत में समाज कार्य के अध्ययन में आशातीत वृद्धि हुई है। समाज कार्य का अध्यापन मुख्यतया हिन्दी भाषा के माध्यम से ही होता है। समाज कार्य के अध्ययन एवं अध्यापन का एक महत्वपूर्ण विषय ‘समाज कल्याण प्रशासन’ है। किन्तु इस विषय के ऊपर हिन्दी भाषा में कोई भी उच्चस्तरीय ग्रन्थ नहीं है। प्रस्तुत ग्रन्थ की रचना इसी अभाव की पूर्ति हेतु की गई है। ग्रन्थ में समाज कल्याण प्रशासन को न केवल एक नये कलेवर में प्रस्तुत किया गया है, वरन इससे सम्बन्धित अन्य पहलुओं जैसे गांधी दर्शन और सामाजिक विकास, सामाजिक न्याय, सामाजिक नीति, सम्पोषी विकास, सामाजिक विधान और सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका, मानव संसाधन प्रबन्ध, बेंचमार्किंग और सिक्स सिग्मा आदि विषयों का पूर्ण अध्ययन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। विश्वास है कि प्रस्तुत ग्रन्थ हिन्दी भाषा में सम्बन्धित विषय का सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ प्रमाणित होगा।
Contents
• समाज कल्याण प्रशासन : अवधारणा
• समाज कल्याण के विभिन्न दृष्टिकोण : सिद्धान्त और प्रकार्य
• राज्य और केन्द्र स्तर पर समाज कल्याण प्रशासन
• ऐच्छिक संगठन
• समाज कल्याण प्रशासन के प्रमुख क्षेत्र
• समाज कल्याण प्रशासन : निर्देशन और समन्वय
• सम्प्रेषण
• सामाजिक विकास : गांधी दर्शन सर्वोदय और ग्रामदान
• सामाजिक न्याय
• सामाजिक नीति
• भारत में सामाजिक नीति
• सम्पोषी विकास
• समाज कल्याण प्रशासन के कुछ अन्य क्षेत्र
• सामाजिक विधान एवं सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका
• मानवीय संसाधनों का प्रबंध
• निर्णय प्रक्रिया
About the Author / Editor
तेजस्कर पाण्डेय उत्तर प्रदेश के लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अधिकारी हैं। इन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुये समाज कार्य से सम्बन्धित कई शोध निबन्धों एवं महत्वपूर्ण पुस्तकों की रचना की है। समाज कार्य के ज्ञान भण्डार की वृद्धि में वे निरन्तर योगदान देते रहें हैं। इनकी प्रकाशित पुस्तकें - सामाजिक वैयक्तिक सेवा कार्य, सामाजिक सामूहिक सेवा कार्य तथा सामुदायिक संगठन छात्रों और अध्यापकों की दृष्टि से अतिउपयोगी प्रमाणित हो रही हैं।
बालेश्वर पाण्डेय एक लम्बी अवधि तक समाज कार्य विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में कार्यरत थे। इस दौरान वे सात वर्षों तक विभागाध्यक्ष और दो बार संकायाध्यक्ष रह चुके हैं। आप कई विश्वविद्यालयों में समाज कार्य के अतिरिक्त प्रोफेसर के पद पर भी कार्यरत थे। डॉ. पाण्डेय को चार दशक से ऊपर समाज कार्य के उच्चस्तरीय अध्यापन एवं शोध निदेशक का अनुभव प्राप्त है। आप कई विश्वविद्यालयों के अध्यापन मण्डल, शोध समिति एवं चयन समिति के सदस्य रह चुके हैं। इनके उच्चस्तरीय लेख देश और विदेश की कई पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हो चुके हैं। इन्होंने समाज कार्य एवं मानव संसाधन विकास की 30 पुस्तकों की रचना की है। उनकी कई पुस्तकों को उत्तर प्रदेश सरकार एवं बिहार सरकार द्वारा सम्बन्धित विषय की सर्वोत्तम पुस्तक करार देते हुए उन्हें पुरस्कृत किया है।