About the Book
इस पुस्तक का एक लक्ष्य है कि शोध शुरू करने वाले अध्येताओं के लिए शुरुआती
अध्ययन का रास्ता बने और दूसरा लक्ष्य है, शिक्षा के क्षेत्र में काम कर
रहे कर्मियों के लिए अपने कार्य को बेहतर ढंग से समझने के लिए सामग्री
उपलब्ध हो।
शोध के लिए प्राथमिक ज़रूरत यह है कि शोधकर्ता को शोध की
बुनियादी समझ हो, यानी शोध के अर्थ से शुरू होकर, उसे कैसे करना है व उसे
अधिक सार्थक कैसे बनाएँ जैसे सभी मसलों पर ऐसी समझ जो उसे शोध कार्य समझने
और करने में मदद करे। पुस्तक का प्रयास है कि शोधकर्ता ख़ुद शोध को डिज़ाइन
और क्रियान्वित भी कर सकें।
कोशिश रही है कि अध्यायों की भाषा सरल व
सहज हो। इनमें सामान्य उदाहरणों को लिया जाए ताकि शोध की थोड़ी समझ रखने
वाले शोधकर्ता भी उसे पढ़कर समझ सकें। तकनीकी शब्दों का किफ़ायत से इस्तेमाल
किया गया है। व्यावहारिक परिभाषाएँ व उदाहरण भी दिए गए हैं ताकि तकनीकी
शब्दों को समझने में मदद मिले।
यह पुस्तक शोध के सन्दर्भ में कई
बुनियादी सवालों पर सरल किन्तु स्पष्ट व सोची-समझी व्याख्या करने का प्रयास
करती है। उम्मीद है कि पाठक इस पुस्तक को सरल और सुस्पष्ट पाएँगे।
Contents
1 शोध क्या है? हम शोध क्यों करते हैं? / हृदय कान्त दीवान
2 शोधकर्ता के दायित्व / ए.बी. फाटक एवं डी.एन. दानी
3 न्यादर्श / हृदय कान्त दीवान, विप्लव सिंह एवं डी.एन. दानी
4 डाटा संकलन एवं डाटा विश्लेषण / हृदय कान्त दीवान एवं डी.एन. दानी
5 गणनात्मक शोध / हृदय कान्त दीवान एवं विप्लव सिंह
6 क्रियानुसन्धान / रजनी द्विवेदी एवं हृदय कान्त दीवान
7 एथनोग्राफिक शोध / हृदय कान्त दीवान एवं रजनी द्विवेदी
8 ऐतिहासिक शोध / रजनी द्विवेदी एवं गिरीश शर्मा
9 केस स्टडी / रजनी द्विवेदी
10 शोध युक्तियाँ / डी.एन. दानी एवं हृदय कान्त दीवान
11 शोध उपकरण / रजनी द्विवेदी एवं गिरीश शर्मा
12 शोध प्रपत्र लेखन / हृदय कान्त दीवान
About the Author / Editor
हृदय कान्त दीवान, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, बेंगलूरु में प्राध्यापक। विश्वविद्यालय के ‘अनुवाद पहल’ कार्यक्रम से सम्बद्ध।
रजनी द्विवेदी, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘पाठशाला - भीतर और बाहर’ की सह-सम्पादक।
गिरीश शर्मा, विद्या भवन शिक्षक महाविद्यालय, उदयपुर में प्राध्यापक। पिछले डेढ़ दशक से शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत।
राजेश उत्साही, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के ‘अनुवाद पहल’ कार्यक्रम में वरिष्ठ हिन्दी सम्पादक।