About the Book
भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों के स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर व विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर इस पुस्तक की रचना एक स्तरीय पाठ्यपुस्तक के रूप में की गई है। समाजशास्त्राीय एवं सांख्यिकीय अवधारणाओं का प्रामाणिक अनुवाद और उनके विश्लेषण के साथ-साथ पाश्चात्य विद्वानों के नाम का सही उच्चारण इस पुस्तक की विशेषता है। आमतौर पर हिन्दी की पुस्तकों में न तो तकनीकी शब्दों का शुद्ध अनुवाद और न ही लेखकों के नामों का शुद्ध उच्चारण देखने को मिलता है।
अंग्रेजी माध्यम से अध्ययन करनेवाले पाठकों की अपेक्षा हिन्दी माध्यम से पठन-पाठन करनेवाले पाठक ज्ञान की दृष्टि से पीछे न रहें, इस बात का ध्यान रखा गया है। अंग्रेजी की नवीनतम उच्च स्तरीय पुस्तकों को आधार मानकर विभिन्न प्रकार के समाजशास्त्राीय एवं सांख्यिकीय तथ्यों को एकत्रित कर मौलिक विश्लेषण प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। लेखक ने स्वयं चार दशकों तक प्राथमिक एवं द्वितीयक आँकड़ों के आधर पर शोधकार्य किया तथा स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को शिक्षण देने का कार्य किया है। उन्होंने उन तमाम अनुभवों को इस पुस्तक में सारांश रूप में देने का प्रयास किया है।
प्रस्तुत पुस्तक विश्वसनीय समाजशास्त्रीय तथा सांख्यिकीय तथ्यों एवं सूचनाओं का रोचक भण्डार है। इसमें जटिल-से-जटिल विचारों को सहजता एवं सुगमता से प्रस्तुत किया गया है। प्रयास यही है कि इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों के बीच शोध-सम्बन्धी एक नयी समझ और दृष्टि उत्पन्न हो, क्योंकि भारत में सामाजिक शोध की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
Contents
• वैज्ञानिक पद्धति, सामाजिक यथार्थ तथा विज्ञान का दर्शन
• समाजविज्ञान अनुसन्धान एवं मूल्यनिरपेक्ष वैज्ञानिक अनुसन्धान
• सामाजिक सर्वेक्षण
• अनुसन्धान की समस्याएँ
• वैज्ञानिक पद्धति में प्राक्कल्पना
• चर
• अनुसन्धान डिजाइन
• अप्रयोगात्मक अनुसन्धान
• विचार, अवधारणा, सामाजिक तथ्य तथा सिद्धांत
• प्रतिरूप (माॅडल) एवं रूपावली
• आँकड़ों के संकलन की प्रविधियां एवं स्रोत
• व्यक्ति (केस) अध्ययन प्रणाली
• प्रतिचयन
• अवलोकन
• साक्षात्कार
• अनुसूची एवं डाक-प्रेषित प्रश्नावली
• अन्तर्वस्तु-विश्लेषण
• माप एवं मनोवृत्ति-मापनी
• समाजमितिक विधि
• अन्तःसांस्कृतिक अनुसन्धान
• अन्तःशास्त्रीय अनुसन्धान
• समाजविज्ञान अनुसन्धान में कम्प्यूटर की उपयोगिता
• शोध् प्रतिवेदन: लेखन तथा प्रकाशन
• अनुसन्धान पद्धति की शब्दावली
About the Author / Editor
जे.पी. सिंह, पी-एच.डी. (जनसंख्याशास्त्र, आस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, कैनबेरा), प्रोफेसर (सेवा-निवृत्त), स्नातकोत्तर समाजशास्त्र विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना। उपाचार्य, रिसर्च मेथडाॅलजी, टाटा समाज विज्ञान संस्थान, मुम्बई; अपर निदेशक, जनसंख्या अनुसंधान केंद्र (भारत सरकार) सांख्यिकी विभाग, पटना विश्वविद्यालय; निदेशक, ग्रामीण प्रतिष्ठान बिरौली (समस्तीपुर) तथा अध्यक्ष-सह-निदेशक, बिहार हिन्दी ग्रंथ अकादमी (पटना) के रूप में योगदान का अनुभव। लेखक एक प्रख्यात समाजशास्त्री एवं जनसंख्याशास्त्री के रूप में जाने जाते हैं। मानवशास्त्र शब्दकोश, आधुनिक भारत का समाजशास्त्र, समाजशास्त्र: एक परिचय तथा A Comprehensive Dictionary of Sociology इनकी प्रमुख कृतियों में से हैं।