About the Book
प्रकाशित ‘रिसर्च मेथस’ से अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थी और शोधकर्त्ता तो लाभान्वित हो रहे हैं, किन्तु हिन्दी में पर्याप्त सामग्री सुलभ कराने की आवश्यकता बनी रही। यह पुस्तक इसी कमी को पूरा करने की दिशा में एक प्रयास है। इससे पाठकों को सामाजिक अनुसंधान के प्रत्ययों को समझने, उनकी शोध क्षमता को बढ़ाने और उत्तम निष्पादन में मदद मिलेगी। पुस्तक को ज्ञानवर्द्धक और उपादेय बनाते हुए भाषा की जटिलता और उलझाव से मुक्त रखा गया है।
आशा है यह पुस्तक स्नात्कोत्तर छात्रों के लिए प्रत्यात्मक एवं सैद्धान्तिक ज्ञान को सरल रीति से प्रस्तुत करने में सफल सिद्ध होगी। साथ ही यह उन शोधकर्त्ताओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत होगी जो अनुसंधान व सिद्धान्त के एकीकरण की आवश्यकता को ध्यान में रखकर अनुसंधान में वस्तुनिष्ठ व वैज्ञानिक उपागम का उपयोग कर अपने अनुसंधान की गुणवत्ता को बढ़ाना चाहते हैं।
Contents
• वैज्ञानिक अनुसंधानः विशेषताएँ, प्रकार एवं पद्धतियाँ
(Scientific Research: Characteristics, Types and Methods)
• सामाजिक सर्वेक्षण (Social Survey)
• अवधारणाएँ, रचनाएँ और चर (Concepts, Constructs and Variables)
• प्राक्कल्पनाएँ (Hypotheses)
• जाँच का तर्क (Logic of Inquiry)
• समस्या निरूपण और अनुसंधान प्रश्नों का विकास
(Problem Formation and Developing Research Questions)
• अनुसंधान अभिकल्प (Research Design)
• प्रतिदर्शन (Sampling)
• प्रश्नावली और साक्षात्कार सूची (Questionnaire and Interview Schedule)
• साक्षात्कार (Interview)
• अवलोकन (Observation)
• वैयक्तिक अध्ययन (एकल विषय अध्ययन) (Case Study)
• विषय-वस्तु (अन्तर्वस्तु) विश्लेषण (Content Analysis)
• प्रक्षेपी तकनीकें (Projective Techniques)
• आधार सामग्री संसाधन, सारणीयन, आरेखीय प्रदर्शन और विश्लेषण
(Data Processing, Tabulation, Diagramatic Representation and Analysis)
• माप और अनुमाप तकनीकें (Measurement and Scaling Techniques)
• प्रतिरूप, रूपनिदर्शन एवं सिद्धान्त (Models, Paradigms and Theories)
• केन्द्रीय प्रवृत्तियों का मापन (Measures of Central Tendency)
• प्रसार के माप (Measures of Dispersion)
• साहचर्य के माप (Measures of Association)
About the Author / Editor
राम आहूजा राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के समाजशास्त्र विभाग के प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष एवं सेवानिवृत्ति के पश्चात भारतीय समाज विज्ञान शोध परिषद ¼ICSSR½ के सीनियर फेलो के पद पर कार्यरत्त रहे। वे अनेक वर्षों तक विभिन्न राष्ट्रीय व प्रादेशिक अकादमियों व प्रशासकीय प्रशिक्षण संस्थाओं में अतिथि-वक्ता और बारह अनुसंधान परियोजनाओं से जुड़े रहे। दीर्घ शैक्षणिक व शोध अनुभव के आधार पर लगभग साठ लेखों व शोध-पत्रों के अलावा अब तक उनकी 19 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी रुचि अपराधशास्त्र, सामाजिक समस्याएं, अनुसंधान आदि क्षेत्रों में प्रमुख रूप से रही। उन्हें ‘अपराधशास्त्र’ पुस्तक पर वर्ष 1984 में गोविन्दवल्लभ पन्त पुरस्कार एवं ‘वायलेंस अगेन्सट वुमैन’ पुस्तक पर वर्ष 1998 में कलकत्ता विश्वविद्यालय द्वारा सुप्रभा देब गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।