About the Book
लोक प्रशासन के साहित्य में उन सभी चिन्तकों को सम्मानित स्थान दिया जाता रहा है जिन्होंने राज्य, संगठन, शासन, प्रशासन, लोक सेवा आदि के संदर्भ में अपना मौलिक चिन्तन प्रस्तुत कर प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सुदृढ़, प्रभावी एवं व्यावहारिक बनाने में अपना अद्वितीय योगदान दिया है। इनकी तकनीकों, नवाचारों तथा कौशल को लोक प्रशासन में शामिल किये बिना 21वीं सदी में लोक प्रशासन को अधिक दिनों तक लोकप्रिय एवं उपयोगी बनाए रखना संभव नहीं होगा। प्रस्तुत पुस्तक लेखकद्वय की विशेष रुचि एवं गहन अध्ययन का परिणाम है। इसमें प्रमुख प्रशासनिक विचारकों तथा उनके चिन्तन की उन परिस्थितियों का वर्णन किया गया है जिनमें वे अपना जीवन व्यतीत करते हैं।
यह पुस्तक न केवल भारतीय विश्वविद्यालयों के स्नात्तकोत्तर पाठ्यक्रम को अपनी परिधि में लेती है बल्कि भारतीय प्रशासनिक सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा, यू.जी.सी. द्वारा ली जाने वाली नेट (NET) परीक्षाओं के लोक प्रशासन के विद्यार्थियों, व्याख्याताओं तथा प्रशासन में रुचि रखने वालों के लिए भी समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।
Contents
• कौटिल्य (Kautilya)
• वुडरो विल्सन (Woodrow Wilson)
• फ्रेडरिक विन्सलो टेलर (Frederick Winslow Taylor)
• हेनरी फेयोल (Henri Fayol)
• मैक्स वेबर (Max Weber)
• चेस्टर आई. बर्नार्ड (Chester I. Barnard)
• हर्बर्ट साइमन (Herbert Simon)
• फ्रेड डब्ल्यू. रिग्ज़ (Fred W. Riggs)
• अब्राहम एच. मैस्लो (Abraham H. Maslow)
• डगलस मैकग्रेगर (Douglas McGregor)
• क्रिस आर्गीरिस (Chris Argyris)
• फ्रेडरिक हर्जबर्ग (Frederick Herzberg)
• रेन्सिस लिकर्ट (Rensis Likert)
About the Author / Editor
आर.पी. जोशी वर्तमान में महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर के राजनीति विज्ञान एवं लोक प्रशासन विभाग में आचार्य तथा विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं। आप पूर्व में कोटा खुला विश्वविद्यालय के जयपुर क्षेत्रीय केन्द्र के निदेशक, लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी, मसूरी में संकाय सदस्य एवं हरिश्चन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान, जयपुर में प्रोफेसर के पद पर भी कार्य कर चुके हैं। अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर कई संगोष्ठियों में सहभागिता कर चुके प्रो. जोशी की राजनीति विज्ञान तथा लोक प्रशासन विषयों में एक दर्जन से अधिक पुस्तकों के अतिरिक्त अनेक शोध-पत्र में भी प्रकाशित हुए है।
अन्जु पारीक वर्तमान में एस.एस.जी. पारीक पी.जी. महाविद्यालय, जयपुर में व्याख्याता के पद पर कार्यरत है। आपने अनेक राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठियों में सफल सहभागिता की है। आपके एक दर्जन से भी अधिक लेख तथा शोध-पत्र प्रकाशित हो चुके है। आप सामाजिक नीति शोध संस्थान से भी जुड़ी रहकर विभिन्न शोध कार्यों में सतत् रूप से संलग्न हैं।