About the Book
तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या, मौसम चक्र में परिवर्तन, प्रदूषित पर्यावरण, अनियोजित और अनियंत्रित विकास के परिणामस्वरूप देश में बाढ़ की समस्या दिनों-दिन गम्भीर और विध्वंसक रूप धारण कर रही है। प्रति वर्ष बाढ़ के कारण जान-माल की भारी क्षति होती है। भारत ही नही, सम्पूर्ण विश्व में बाढ़ के नियंत्रण, रोकथाम और प्रबंधन आदि पर विभिन्न नीतियाँ एवं कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं। परन्तु बाढ़ से बचाव के लिए जन समुदाय को इसके बारे में मूलभूत जानकारियाँ देना बहुत जरूरी है। इसलिए प्रस्तुत पुस्तक में बाढ़ के विभिन्न पहलुओं पर बाढ़ पीड़ितों के अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर विशद चर्चा की गयी है।
इस पुस्तक को दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में बाढ़ की संकल्पना के अन्तर्गत बाढ़ का सामान्य परिचय एवं बाढ़ प्रबंधन पर प्रकाश डाला गया है। दूसरे भाग में बाढ़ के प्रादेशिक अध्ययन के अन्तर्गत घाघरा-राप्ती दोआब (उ.प्र.) में बाढ़ का विस्तार से विश्लेषण किया गया है। बाढ़ समस्या की प्रकृति, बाढ़ पर दुनिया भर में हुए अध्ययन के साथ ही अध्ययन क्षेत्र के भौगोलिक व्यक्तित्व का वर्णन किया गया है। ‘बाढ़ के स्थानिक-कालिक विश्लेषण’ के अन्तर्गत बाढ़ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, बाढ़ आवृत्ति विश्लेषण के साथ ही बाढ़ के कारणों की व्याख्या की गयी है। भारत, उत्तर प्रदेश, एवं घाघरा-राप्ती दोआब में बाढ़ क्षति का क्रमबद्ध एवं प्रादेशिक उपागम के द्वारा विश्लेषण किया गया है। भारत में राष्ट्रीय स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक बाढ़ प्रबंधन की विशद व्याख्या ‘दोआब में बाढ़ प्रबंधन’ नामक अध्याय में की गई है। बाढ़ प्रबंधन की भौतिक एवं प्रशासनिक समस्याओं को उजागर करने के साथ ही इनके उचित समाधान की व्याख्या ‘समाकलित बाढ़ प्रबंधन’ अध्याय के अन्तर्गत कि गई है। इसी अध्याय में फसल प्रबंधन का भी बड़े ही रोचक ढंग से वर्णन किया गया है।
यह पुस्तक विशेष रूप से शोधार्थियों, बाढ़ विशेषज्ञों, आपदा प्रबंधन के विद्यार्थियों, जिला आपदा प्रबंधन केन्द्रों, ग्राम प्रधानों, नीति निर्धारकों, गैर-सरकारी संगठनों एवं जन समुदाय के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
Contents
I बाढ़ की संकल्पना
1 बाढ़ का सामान्य परिचय
2 बाढ़ प्रबंधन
II बाढ़ प्रबंधन का प्रादेशिकक अध्ययन
3 संकल्पनात्मक पृष्ठभूमि
4 अध्ययन क्षेत्र का भौगोलिक स्वरूप
5 बाढ़ का स्थानिक-कालिक विश्लेषण
6 बाढ़ क्षति का विश्लेषण
7 दोआब में बाढ़ प्रबंधन
8 समाकलित बाढ़ प्रबंधन
About the Author / Editor
राजेश यादव ने स्नातकोत्तर तथा पी.एच.डी. की उपाधि दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यायलय से प्राप्त की। इसके अतिरिक्त आपने आपदा प्रबंधन में पी.जी. डिप्लोमा भी प्राप्त किया है। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यायलय के भूगोल विभाग में वर्ष 2007 से 2010 तक यू.जी.सी. प्रोजेक्ट फेलो एवं 2011 में आई.सी.एस.एस.आर. द्वारा चयनित रिसर्च एसोसिएट के पद पर कार्य कर चुके हैं। कई भौगोलिक संस्थानों के आजीवन सदस्य हैं। लगभग एक दर्जन शोध-पत्र बहुचर्चित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं तथा विभिन्न राष्ट्रीय संगोष्ठियों में भी बाढ़ से सम्बन्धित शोध-पत्रों तथा अपने विचारों को व्यक्त कर चुके हैं। वर्तमान में आप भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय, भारत सरकार, गृह मंत्रालय में भूगोलवेत्ता पद पर कार्यरत हैं।