About the Book
भारत भौगोलिक विशिष्टताओं का देश है तथा यहां के आर्थिक, सामाजिक एवं
राजनीतिक स्वरूप पर भौगोलिक स्वरूप का प्रभाव स्पष्ट दृष्टिगत होता है।
प्रस्तुत पुस्तक में भारत के भौतिक (प्राकृतिक), आर्थिक एवं सामाजिक स्वरूप
का विस्तृत विवरण 24 अध्यायों में दिया गया है। पुस्तक में वर्णित प्रमुख
पक्ष हैं:
भौतिक स्वरूप – भूगर्भिक संरचना, उच्चावच, अपवाह तन्त्र, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, मृदा एवं जैव विविधता।
आर्थिक पक्ष –
सिंचाई एवं बहुउद्देश्यीय परियोजनाएं, कृषि एवं कृषि उपजें, पशुपालन तथा
मत्स्य व्यवसाय, खनिज एवं उर्जा संसाधन, औद्योगिक विकास एवं प्रमुख उद्योग
तथा परिवहन।
विविध पक्ष – जनसंख्या, प्रजातीय-सामाजिक एवं
सांस्कृतिक स्वरूप, जनजातिया, अधिवास, पर्यावरणीय समस्याएं एवं उनका
प्रबंधन तथा प्रादेशिक विकास एवं नियोजन।
पुस्तक भूगोल के स्नातक एवं
स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के अतिरिक्त संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा
परीक्षा एवं प्रादेशिक प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये विशेष उपयोगी होगी।
प्रशासकों, नियोजकों के साथ ही सामान्य नागरिकों और भारत के संबंध में
सम्पूर्ण भौगोलिक ज्ञान हेतु भी यह पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी।
Contents
• सामान्य परिचय
• भूगर्भिक संरचना
• उच्चावच (धरातल)
• अपवाह तन्त्र, झीलें एवं जल प्रपात
• जलवायु एवं जलवायु प्रदेश
• प्राकृतिक वनस्पति एवं वन संसाधन
• जैव विविधता एवं इसका संरक्षण
• मृदा या मिट्टियां
• सिंचाई एवं बहुउद्देशीय परियोजनाए
• भारतीय कृषि की प्रकृति, प्रकार एवं कृषि प्रदेश
• प्रमुख कृषि उपजें
• पशुपालन एवं मत्स्य व्यवसाय
• खनिज संसाधन
• उर्जा संसाधन: कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस
• उर्जा संसाधनः विद्युत, आणविक उर्जा एवं उर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत
• औद्योगिक विकास एवं औद्योगिक प्रदेश
• प्रमुख उद्योग-I: धातुकर्मीय उद्योग, इंजीनियरिंग उद्योग, रसायन और उर्वरक उद्योग
• प्रमुख उद्योग-II: वस्त्र, चीनी, कागज एवं सीमेंट उद्योग
• परिवहन
• जनसंख्या
• भारत: प्रजातीय-सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन एवं जनजातियां
• मानव अधिवास अथवा बस्तियां
• भारत में पर्यावरणीय मुद्दे एवं उनका प्रबंधन
• प्रादेशिक विकास एवं नियोजन
About the Author / Editor
एच.एम. सक्सेना 1967 से राजस्थान काॅलेज शिक्षा में भूगोल
प्राद्यापक, स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष, प्राचार्य के पदों पर कार्यरत रहे
और संयुक्त निदेशक, काॅलेज शिक्षा राजस्थान के पद से सेवानिवृत्त हुए। डाॅ.
सक्सेना राज्य के वरिष्ठ भूगोलवेत्ताओं में से हैं जिनकी अनेक पुस्तकें
हिन्दी तथा अंग्रेजी में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा 50 से अधिक शोध पत्र भी
प्रकाशित हुए हैं। विशेष उल्लेखनीय पुस्तकें हैं – मार्केटिंग ज्योग्राफी,
एंवायरमेंटल ज्योग्राफी, इकोनाॅमिक ज्योग्राफी, राजनीतिक भूगोल, आर्थिक
भूगोल, राजस्थान का भूगोल आदि। आप भूगोल की अनेक अकादमिक कमेटियों के सदस्य
रहे हैं तथा अनेक भूगोल परिषदों से संबंद्धित हैं। सम्प्रति कोटा में
निवास करते हुए लेखन एवं शोध में संलग्न हैं।
राहुल सक्सेना 1999
से राजस्थान काॅलेज शिक्षा में भूगोल प्राद्यापक के रूप में कार्यरत हैं।
वर्तमान में वरिष्ठ व्याख्याता (चयनित वेतनमान) के पद पर स्नातकोत्तर भूगोल
विभाग, राजकीय महाविद्यालय, बूंदी (राजस्थान) में कार्यरत हैं। आपकी पूर्व
प्रकाशित पुस्तकें हैं – डिक्शनरी आॅफ फीजिकल ज्योग्राफी, विश्व का
प्रादेशिक भूगोल एवं आर्थिक भूगोल।
पूजा सक्सेना 2002 से
राजस्थान काॅलेज शिक्षा में भूगोल प्राद्यापक के रूप में कार्यरत हैं।
वर्तमान में वरिष्ठ व्याख्याता (चयनित वेतनमान) के पद पर स्नातकोत्तर भूगोल
विभाग, राजकीय महाविद्यालय, बूंदी में कार्यरत हैं। पूर्व प्रकाशित
पुस्तकें मार्केटिंग एंड ससटेनेबिल डेवलपमेंट, डिक्शनरी आॅफ फीजिकली
ज्योग्राफी, विश्व का प्रादेशिक भूगोल एवं आर्थिक भूगोल हैं।