About the Book
मानव भूगोल की रचना प्रमुख रूप से विश्वविद्यालय स्तर के विद्यार्थियों के
लिये एक सार ग्रंथ के रूप में की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य मानव भूगोल को
न केवल सामाजिक विज्ञान के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करना है वरन् मानवीय
समस्याओं की पहचान कर पृथ्वी ग्रह को एक नवीन आकार देने में मुनष्य की
भूमिका को प्रतिपादित करना है।
विशेष रूप से, पुस्तक के इस चतुर्थ
संस्करण में मानव भूगोल को एक व्यापक रूप में प्रस्तुत करते हुए इसके
सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, राजनीतिक, क्षेत्रीय, सामाजिक, नगरीय तथा आर्थिक
पहलुओं पर चर्चा की गई है। साथ ही, विश्व के सभी देशों की 2010 तथा भारत की
जनगणना 2011 के आंकड़ों के आधार पर नए मानचित्र बनाकर भौगोलिक व्याख्या की
गई है। इसके अतिरिक्त विश्व के विभिन्न विकसित एवं विकासशील राष्ट्रों के
उपयुक्त एवं सुसंगत उदाहरणों की सहायता से इसे अधिक रुचिकर बनाने का प्रयास
किया गया है।
यह पुस्तक भूगोलवेत्ताओं, समाजशास्त्रियों,
मानवशास्त्रियों तथा पर्यावरणविदों के साथ-साथ मानवीय समस्याओं के स्थानिक
पहलुओं एवं पारिस्थतिकीय समस्याओं के समाधान में रुचि रखने वालों के लिये
समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।
Contents
• मानव भूगोलः प्रकृति, क्षेत्र, विचारधाराएं एवं उपागम
(Human Geography: Nature, Scope, Schools and Approaches)
• उद्विकास और मानव.प्रजातियां
(Evolution and Races of Man)
• जनसंख्याः विश्व प्रतिरूप
(Population: World Patterns)
• प्रवसन (Migration)
• संस्कृति, भाषा, धर्म और प्रथाओं की विविधता
(The Mosaic of Culture, Language, Religion and Customs)
• विकास के प्रतिमान
(Patterns of Development)
• मानव विकास (Human Development)
• मानव अधिवास (बस्तियां)
(Human Settlements)
• नगरीयकरण (Urbanization)
• पर्यावरण पर मानव का अधिप्रभाव
(Impact of Man on Environment)
• प्रारंभिक जनमानव (The First People)
About the Author / Editor
माजिद हुसैन जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली में भूगोल के पूर्व
प्रोफेसर हैं। अध्यापन तथा अनुसंधान के प्रति उच्च कोटि की प्रतिबद्धता
रखने वाले डाॅ. हुसैन न केवल भूगोल की कठिनतम अवधारणाओं की सरलतम शब्दों
में व्याख्या करने की असाधारण योग्यता रखते हैं, बल्कि वृहद् तथ्यों का
स्वाभाविक ढंग से विश्लेषण करने का सामर्थ्य भी रखते हैं।
डाॅ. हुसैन की
विभिन्न पुस्तकों, विशेषकर विश्व भूगोल, भौगोलिक चिन्तन का इतिहास, भौतिक
भूगोल तथा कृषि भूगोल, की सर्वत्र सराहना हुई है।