उद्योग और समाज (Industry and Society)

मनोज छापड़िया (Manoj Chhaparia)

उद्योग और समाज (Industry and Society)

मनोज छापड़िया (Manoj Chhaparia)

-15%336
MRP: ₹395
  • ISBN 9788131612637
  • Publication Year 2022
  • Pages 434
  • Binding Paperback
  • Sale Territory World

About the Book

भारतीय समाज औद्योगिक समाज की मुख्य विशेषताओं से युक्त तो है ही साथ ही आत्म निर्भर भारत बनने की ओर उन्मुख है। यह भी सत्य है कि वैश्विकरण, उदारीकरण और निजीकरण ने जहाँ उद्योगों के कार्य करने के तरीकों को बदला है वहीं दूसरी ओर भारतीय सामाजिक संरचना, अंतर-वैयक्तिक संबंधों, मनोवृतियों तथा परिवर्तनकारी प्रवृत्तियों का कोई भी पक्ष ऐसा नहीं है जो आज औद्योगिक संबंधों से अछूता हो। भारतीय समाज पहले से कहीं अधिक जटिल, औपचारिक, आधुनिक और परिवर्तनशील है।
प्रस्तुत पुस्तक भारत मे उद्योग, औद्योगिक संगठन की नवीन प्रवृत्ति, उत्पादन प्रक्रियाओं, औद्योगिक विवाद, श्रमिक संघ, उसके क्रिया-कलाप और वर्तमान प्रवृत्तियों, बाल श्रम और श्रम कल्याण को समझने का प्रयास है।
यह पुस्तक समाजशास्त्र, प्रबंधन, श्रम कल्याण, प्रशासकों, नीति-निर्माताओं और शोधार्थियों तथा उद्योग और समाज मे रूचि रखने वालों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।


Contents

1 औद्योगिक समाजशास्त्र: अर्थ, विषय-वस्तु, क्षेत्र एवं महत्व
2 औद्योगिक समाजशास्त्र का उद्भव एवं विकास
3 सैद्धान्तिक परिप्रेक्ष्य
4 औद्योगिक संगठन तथा उत्पादन प्रक्रियाएं
5 समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य में श्रमिक विशेषताएं
6 औद्योगिक कार्य: संगठनात्मक प्रक्रियाएं
7 श्रमिक, पर्यवेक्षक एवं प्रबन्ध-सम्बन्ध
8 श्रमिक एवं औद्योगिक सम्बन्धों पर समग्र दृष्टिपात
9 औद्योगिक विवाद तथा समझौता प्रणाली (मध्यस्थता)
10 सामूहिक सौदेबाजी
11 श्रमिक संघ
12 प्रबन्ध में श्रमिकों की सहभागिता
13 सामुदायिक अथवा श्रम कल्याण
14 अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन
15 कारखाना अधिनियम, 1948


About the Author / Editor

मनोज छापड़िया, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में लेक्चरर एवं इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय), मध्य प्रदेश में एसोसिएट प्रोेफेसर के रूप में कार्य कर चुके हैं। वर्तमान में डॉ. छापड़िया, का. सु. साकेत स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय, अयोध्या के समाजशास्त्र विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। आप सोशियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ उत्तर प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी भी हैं और भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में नीति निर्माण में अनेक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।


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