About the Book
प्रस्तुत पुस्तक हिन्दी भाषा में लिखी गई ऐसी प्रथम पुस्तक हैं जो दो सौ से अधिक पाश्चात्य एवं भारतीय अर्थशास्त्रियों के जीवन परिचय, शिक्षा, उनकी रचनाओं, पुरस्कारों व अन्य उपलब्धियों पर प्रकाश डालती है। यह पुस्तक दो भागों में विभाजित है। इसका प्रथम भाग पाश्चात्य अर्थशास्त्रियों से तथा दूसरा भाग भारतीय अर्थशास्त्रियों से संबंधित है। इसके साथ ही पुस्तक में चार परिशिष्ट जोड़े गए हैं जिनमें प्रमुख अर्थशास्त्रियों के महत्वपूर्ण कथन, अर्थशास्त्र से संबंधित प्रमुख पत्रा-पत्रिकाएं, सर्वेक्षण व प्रतिवेदन, भारतीय पंचवर्षीय योजनाएं तथा अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इस प्रकार यह पुस्तक अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों एवं विभिन्न प्रतियोगी परिक्षाओं में बैठने वाले अभ्यर्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
Contents
पाश्चात्य अर्थशास्त्री एवं उनका चिंतन (Western Economists
and their Thought)
• पूर्व शास्त्रीय अर्थशास्त्री (Pre-classical
Economists)
• शास्त्रीय अर्थशास्त्री (Classical
Economists)
• शास्त्रीय अर्थशास्त्रियों के आलोचक (Critics of Classical
Economists)
• नव शास्त्रीय अर्थशास्त्री (Neo-classical
Economists)
• आधुनिक अर्थशास्त्री (Modern Economists)
भारतीय अर्थशास्त्री एवं उनका चिंतन (Indian Economists
and their Thought)
• प्राचीन भारतीय अर्थशास्त्री (Ancient Indian
Economists)
• आधुनिकभारतीय अर्थशास्त्री (Modern Indian
Economists)
परिशिष्ट
• प्रमुख अर्थशास्त्रियों के महत्त्वपूर्ण कथन
• अर्थशास्त्र से संबंध्ति प्रमुख पत्रा-पत्रिकाएं, बुलेटिन, सर्वेक्षण तथा प्रतिवेदन
• भारतीय पंचवर्षीय/वार्षिक योजनाएंः एक नजर में
• अर्थशास्त्र के क्षेत्रा में नोबेल पुरस्कार विजेताः एक सिंहावलोकन
About the Author / Editor
जी.आर. वर्मा की उच्च शिक्षा जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के अर्थशास्त्र विभाग में 1968 में सम्पन्न हुई। तत्पश्चात् 1968 में ही इनकी प्रथम नियुक्ति राजकीय महाविद्यालय, सुजानगढ़ (राजस्थान) में अर्थशास्त्र के प्रवक्ता पद पर हुई। इसके पश्चात् राजस्थान के विभिन्न स्नातक व स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में 34 वर्ष की सेवा पूर्ण कर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य पद से 2003 में सेवानिवृत हुए। इन्होंने अपने अध्यापनकाल में स्नातकोत्तर कक्षाओं के विद्यार्थियों के लघु शोध कार्यों का निर्देशन भी किया है तथा अर्थशास्त्र की महत्वपूर्ण पत्रिकाओं व अन्य प्रतियोगी पत्रिकाओं में तथा समाचार पत्रों में आर्थिक, सामाजिक व सम-सामयिक विषयों पर इनके लेख प्रकाशित होते रहे हैं। इनके द्वारा 2011 में प्रकाशित पुस्तक ‘अर्थशास्त्र शब्दकोश’ अर्थशास्त्र के क्षेत्रा में एक महत्वपूर्ण कृति है।