About the Book
सामाजिक नीतियाँ, नियोजन एवं विकास समाज कार्य के विषय-क्षेत्रा के महत्वपूर्ण पहलू हैं। वस्तुतः आज का युग नियोजित सामाजिक परिवर्तन का युग है। सामाजिक विकास का अध्ययन वैज्ञानिक रूप से करने के लिए आवश्यक है कि, ये अध्ययन वैज्ञानिक विधि के समस्त आवश्यक चरणों (जैसे समस्या का निरूपण या कल्पना का निर्माण, अवलोकन, तथ्य संग्रह, वर्गीकरण, सामान्यीकरण) से होकर गुजरे तथा सत्यापन का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए। आज समाज कार्य का अध्ययन उत्तर भारत के विश्वविद्यालयों एवं उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों में हिन्दी माध्यम से अध्यापित किया जाता है। विशेषकर समाजिक विकास पर तो किसी उच्चस्तरीय ग्रन्थों की रचना हिन्दी में नहीं हो पाई। प्रस्तुत ग्रन्थ इसी अभाव को पूर्ण करने का प्रयास है।
एक नवीन शाखा के रूप में यह पुस्तक समाज कार्य, मानवाधिकार एवं सामाजिक विकास से सम्बन्धित है। यह एक नवीन और महत प्रयास है और न केवल समाज कार्य, समाजशास्त्रा के छात्रों और अध्यापकों के लिए उपयोगी होगी वरन् सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी इससे महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी। इस पुस्तक के अध्ययन से आप विविध सामाजिक कार्यों के परिप्रेक्ष्य में सामाजिक विकास की अवधारणाओं, विशेषताओं, कारकों, प्रति एवं विकास के बढ़ते कदम के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगें।
Contents
• विकास: संकल्पना एवं अर्थ
• सामाजिक विकास: अर्थ निरूपण, विचारधाराएं और प्रारूप
• जेंडर एवं विकास
• जनसंख्या वृ(ि और विकास
• भारत मेें निर्धनता उन्मूलन एवं सामाजिक आर्थिक विकास
• आर्थिक समृ(ि एवं सामाजिक विकास
• सम्पोषी विकास
• संविधान के सामाजिक आदर्श
• समाज कल्याण एवं समाज कार्य
• मानवाधिकार: समाज कार्य परिप्रेक्ष्य
• सामाजिक न्याय
• सामाजिक जवाबदेही
• सामाजिकं विधान एवं सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका
• नेतृत्व एवं विकास
• सामाजिक नीति
• भारत में सामाजिक नीति
• सामाजिक विकास एवं गांधी दर्शन
About the Author / Editor
तेजस्कर पाण्डेय उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित प्रांतीय सिविल सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हैं। इन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार तथा शासन के विभिन्न पदों पर कार्य किया है। आपने राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (केन्द्रीय विश्वविद्यालय), लखनऊ कैंपस से ज्योतिषाचार्य की उपाधि प्राप्त की है तथा जुबली हॉल, दिल्ली विश्वविद्यालय में 1988-93 तक रेजिडेंट रहे हैं। आपने सामाजिक विकास से सम्बन्धित मुद्दों पर हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में कई लेख तथा 30 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं, जो विभिन्न प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गयी तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच कापफी लोकप्रिय हुई। समाज कार्य तथा ज्योतिष आपके लेखन का पसंदीदा विषय है। आपने समाजकार्य में परास्नातक की उपाधि भी प्राप्त की है।
बालेश्वर पाण्डेय एक लम्बी अवधी तक महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी में समाजकार्य के प्रोफेसर पद पर कार्यरत थे। इस दौरान ये सात वर्षों तक विभागाध्यक्ष एवं दो बार संकायाध्यक्ष रह चुके हैं। आप कई विश्वविद्यालयों में समाजकार्य के अतिथि प्रोफेसर भी रहे हैं। डॉ. पाण्डेय को तीन दशक से अधिक शैक्षिक एवं शोध क्षेत्रा में व्यापक अनुभव है। आप कई विश्वविद्यालयों के अध्ययन मण्डल, चयन समिति और शोध समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। समाजकार्य एवं मानव संसाधन से सम्बंधित आपके 22 उच्च स्तरीय ग्रन्थ प्रकाशित हैं।